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पर्यावरण, पारिस्थितिकी और पर्यटन
धीप्रज्ञ द्विवेदी |
सामान्यतः मनुष्य की हर गतिविधि पर्यावरण पर कुछ-न-कुछ प्रभाव जरूर छोड़ता है और पर्यटन भी इससे अछूता नहीं है। इन दिनों इको-टूरिज्म के प्रयोग जोर-शोर से हो रहे हैं लेकिन उनमें भी जोर प्रकृति के बीच सान्निध्य पर ज्यादा है और उसके संरक्षण पर कम। फिलहाल, आवश्यकता है एक ऐसी संतुलित दृष्टि विकसित करने की जो सभी श्वेत-श्याम पक्षों पर समानता से विचार करे और पर्यावरण तथा पारिस्थितिकी से साम्य बनाए रखकर पर्यटन की संभावनाओं का फायदा भी उठा सके।
पर्यावरण, पारिस्थितिकी एवं पारिस्थितिकी तंत्र तीन ऐसे शब्द हैं जिनका इस आलेख में कई स्थानों पर उपयोग होगा। साथ ही इन शब्दे को हम अपने दैनिक जीवन में भी विभिन्न संदर्भों में सुनते रहते हैं। सर्वप्रथम इन तीनों शब्दों में विभेद आवश्यक है।
पर्यावरण (परि+आवरण) शब्द का शाब्दिक अर्थ है हमारे चारों ओर का घेरा अर्थात् हमारे चारों ओर का वातावरण जिसमें सभी जीवित प्राणी रहते हैं और अन्योन व्रिफया करते हैं। पर्यावरण का अंग्रेजी शब्द एनवायरमेंट है जो फ्रेंच भाषा के शब्द एनवायरनर से बना है, जिसका अर्थ है घेरना। अतः पर्यावरण के अंतर्गत किसी जीव के चारों ओर उपस्थित जैविक तथा अजैविक पदार्थों को सम्मिलित किया जाता है। |
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