  | 
                
                    
                       | 
                     
                    
                      
                        
                            | 
                          DETAIL
                            STORY | 
                            | 
                         
                        | 
                     
                    
                      |   | 
                     
                    
                      
                        
                          |   | 
                          
                          
                            
                              | 
                              
                               | 
                              
                                
                            
                              
                            
                              
                                
                                
                                  
                                    | 
                                     | 
                                    
                                    
                                      
                                        
                                        
                                                  मातृ एंव बाल स्वास्थ्य परिवार कल्याण के प्रतिस्थापन की जरूरत •		पूनम मुत्तरेज़ा | 
                                       
                                      
                                        | 
                                                                            
                                     भारत की जनगणना  के फलस्वरूप  जनसंख्या वृध्दि  संबंधी अच्छी  ख़बर के  बाद 12वीं  पंचवर्षीय योजना के लिए प्रजनन  एंव देखभाल  के एक  व्यापक ढांचे  के तहत  परिवार कल्याण  कार्यक्रम के प्रतिस्थापन, विवाह एंव  मातृत्व की  उम्र बढ़ाकर  बच्चा जनने  के समय  में अंतर  लाकर तथा प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य के विकल्प के विस्तार की अनिवार्य जरूरत है| 
                                       अच्छी ख़बर 
                                       आबादी संबंधी सवाल  पर ध्यान देने का भारत का पुराना इतिहास है| सन्  1952 में राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरूआत के साथ, जो पूरी तरह से चिकित्सालय  पर आधारित कार्यक्रम था, तथा सन् 2000 की राष्ट्रीय जनसंख्या नीति (एनपीपी) काफी हद  तक महिला अधिकारिता एंव प्रजनन अधिकार के ढांचे के दायरे में था| 
                                        | 
                                       
                                     
                                     | 
                                   
                                 
                                 | 
                               
                             
                               | 
                             
                            
                              |  
                               | 
                             
                             
                               
                               | 
                             
                           
                           | 
                            | 
                         
                        | 
                     
                    | 
                
                  | 
                
                 
                          
                            | 
Regional Languages
                
                             | 
                           
                          
                              | 
                           
                          
                            | 
                              
                             | 
                           
                          
                              | 
                           
                          
                            
                         
                                
                                  
                                  
                                  
                                      | 
                                  नियमित
                                  लेख | 
                                     
                       
                                     
                                      | 
                                      
                                     झरोखा जम्मू कश्मीर का : कश्मीर में रोमांचकारी पर्यटन | 
                                     
                                    
                                      
                                  
                                  जम्मू-कश्मीर विविधताओं और बहुलताओं का  घर है| फुर्सत के पल गुजारने के अनेक तरकीबें यहाँ हर आयु वर्ग के लोगों के लिए बेशुमार है| इसलिए अगर आप ऐडवेंचर टूरिस्म या स्पोर्ट अथवा रोमांचकारी पर्यटन में रूचि रखते हैं तो जम्मू-कश्मीर के हर इलाके में आपके लिए कुछ न कुछ है.
                                   
                                   | 
                                     
                           
                                    
                                   
                                   | 
                                                                 
                             
                             | 
                           
                          
                              | 
                           
                            | 
                  | 
                  |