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                          DETAIL
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                                        	सेवा क्षेत्र में बाल मजदूरी सुभाष शर्मा | 
                                       
                                      
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                                       बाल मजदूरी जीवन का सबसे बडा अभिशाप है | देश के भावी कर्णधार मजदूरी में अपने बचपन की खुशियों को गिरवी रख देते हैं |जिन बच्चों के हाथों में खिलौने ,कागज - कलम , कापी - किताब ,स्लेट - पेंसिल होनी चाहिए थी , उन नाजुक हाथों में औरों के जूते पालिश करने के ब्रश , दूसरों के पढने के लिए  स्लेट - निर्माण की सामग्रियां ,पत्थर तोडने के हथौडे अथवा द्री - कालीन बुनने के लिए धागों का जाल होता है ,जिसके  मकडजाल में उनकी जिंदगी पिसती रहती है | 
                                     जिन बच्चों को  मां - बाप की गोद में होना चाहिए था या भाई - बहन की बांहो में जिनको दुलार मिलना चाहिए था , वे भयंकर शीतलहरी, तपती दोपहरी या घनघोर वर्षो के थपेड़ो या जलती भटठियों केशिकार होते हैं | वे मिटटी के दीये या मोमबत्ती जलाकर दीवाली नहीं मनाते बल्कि अपना बचपन सुलगाकर, उंगलियां जलाकर अमीर बच्चों की दीवाली के उत्सव के लिए पटाखे या मोमबत्ती बनाते हैं| 
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                                  नियमित
                                  लेख | 
                                     
                       
                                     
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                                     झरोखा जम्मू कश्मीर का : कश्मीर में रोमांचकारी पर्यटन | 
                                     
                                    
                                      
                                  
                                  जम्मू-कश्मीर विविधताओं और बहुलताओं का  घर है| फुर्सत के पल गुजारने के अनेक तरकीबें यहाँ हर आयु वर्ग के लोगों के लिए बेशुमार है| इसलिए अगर आप ऐडवेंचर टूरिस्म या स्पोर्ट अथवा रोमांचकारी पर्यटन में रूचि रखते हैं तो जम्मू-कश्मीर के हर इलाके में आपके लिए कुछ न कुछ है.
                                   
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